Wheat Price: पिछले कुछ दिनों में हमें गेहूं और आटे की कीमत में बहुत ज्यादा इजाफा देखने को मिला है. हालांकि हाल ही में इसके दामों में थोड़ी नरमी देखने को मिली है. सरकार ने काफी प्रयास करके गेहूं के दामों में कमी लाई है. रोलर फ्लोर मिल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का कहना है कि सरकार ने खुले बाजार में जो गेहूं बेचने का फैसला लिया है उसकी वजह से गेहूं आटे की कीमत उसमें 6 से ₹8 प्रति किलो के हिसाब से कमी आई है. साल 2022-23 में गेहूं का उत्पादन लगभग 11 करोड़ टन रहने का अनुमान है.
प्रति क्विंटल आई चतुर्थी से ₹800 की कमी
सरकार ने हाल ही में खुले बाजार में बिक्री योजना की शुरुआत की है जिसके तहत 25 जनवरी के बाद में गेहूं और गेहूं से संबंधित सभी उत्पादों को पूरे बाजार में बेचना शुरू किया गया है. जिसकी वजह से प्रति क्विंटल ₹600 से ₹800 तक की कमी देखने को मिली है. इसके अलावा यह भी मांग की गई है कि साल 2023-24 के अंदर गेहूं,आटा, मैदा, सूजी समेत गेहूं के बनने वाले सभी उत्पादों पर निर्यात पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. इस समय गेहूं आटे की कीमतें ₹2600 से लेकर ₹3000 प्रति क्विंटल के आसपास देखने को मिल रही है. जबकि जनवरी 2023 के अंदर यही कीमतें ₹3000 से लेकर ₹3800 प्रति क्विंटल के बीच में थी.
Wheat Price कम करने की जरुरत
कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार 5000000 टन गेहूं को खुले बाजार में बेच रही है. इसमें से 4500000 टन आटा चक्की सहित उपभोक्ताओं के लिए जारी किया गया है. इस साल 11 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद की जा रही है. गेहूं की कीमतों में गिरावट होने की वजह से सरकार 340000 लाख टन गेंहू खरीदेगी और अपना कीमतें कम करने का लक्ष्य पूरा करेगी.
केंद्र सरकार ने इस प्रकार से गेहूं की कीमतों में कमी करने की वजह से गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है. ब्रेड, बिस्कुट सहित कई उद्योगों को भी राहत मिली है. गेहूं के भाव उतर जाने की वजह से अब 24 से ₹25 प्रति किलोग्राम भी गेंहू मिल रहा है. नहीं तो इसकी कीमतें ₹50 के आसपास तक भी जा सकती थी. जिसको यह बात समझ में आ गई है वह मोदी सरकार की तारीफ कर रहा है.
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