Cervical Cancer: भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा होने वाला गंभीर कैंसर सर्वाइकल कैंसर है. यह बहुत गंभीर कैंसर होता है जो महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा में होता है. गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाले हिस्से को सरविक्स कहा जाता है. इस हिस्से में होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. यह कैंसर अधिकतर 35 से 45 उम्र के बाद महिलाओं को होता है. इस उम्र में महिलाओं को मासिक धर्म अनियमित होने लगता है और उन्हें कभी-कभी अत्यधिक रक्तस्राव होता है लेकिन कहीं महिलाएं इसे नार्मल समझकर इग्नोर कर देती है और इसी गलती से उन्हें सर्वाइकल कैंसर का शिकार होना पड़ता है. सर्वाइकल कैंसर बहुत घातक कैंसर होता है क्योंकि यह लीवर, ब्लड, योनि, फेफड़े और किडनी तक फैल जाता है जो बहुत घातक होता है.
10 में से 8 भारतीय महिलाएं HPV से पीड़ित
गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होने वाला कैंसर सर्वाइकल कैंसर होता है. गर्भाशय के नीचे जो योनि से जुड़ा होता है वहां पर यह कैंसर अधिकतर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के कारण होता है. भारत में सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलता है. भारत में 23% मौत सर्वाइकल कैंसिल से होती है. अधिकतर महिलाएं इसको नजरअंदाज करती है यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित होती है. सर्वाइकल कैंसर से महिलाएं बहुत घबराती है इसलिए वे इसकी रिपोर्ट भी नहीं करवाती है.
इलाज में होने वाले खर्च की वजह से महिलाएं इसकी रिपोर्ट भी नहीं करवाती है. इसके कारण वे मौत की शिकार हो जाती है. क्वालिटी वाला डायग्नोसिस, बेहतर जांच और फॉलो अप विजिट केयर उपलब्ध से महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से बच सकती है. सबसे ज्यादा मौते होने वाले कारणों में सर्वाइकल कैंसिल का विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा कारण है.
Cervical Cancer के लक्षण
पैलिएटिव केयर सेंटर की डायरेक्टर डॉ वर्षा खन्ना ने जानकारी दी है कि पैप टेस्ट को पैप स्मीयर भी कहा जाता है. इस टेस्ट की मदद से सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती स्टेज का पता लगाया जा सकता है. सर्वाइकल कैंसर का पता लगाना काफी आसान होता है. सर्वाइकल कैंसर होने के बाद योनि से जो स्त्राव होता है वह बहुत बदबूदार होता है. सर्वाइकल कैंसर होने के बाद महिलाएं अक्सर मूत्र पर नियंत्रण नहीं कर पाती है. सर्वाइकल कैंसर की स्टेज जैसे-जैसे बढ़ती जाती है तो महिलाओं में योनि से खून बहना, योनि से दुर्गंध, सफेद स्त्राव, योनि से पेशाब/ मल निकलना, पेशाब में खून आना, शारीरिक संबंध बनाने के बाद योनि से खून निकलना, हड्डी में गंभीर दर्द, किडनी फैलियर के कारण पीठ या बाजू में दर्द एक पैर में सूजन, उल्टी, मूत्राशय पर नियंत्रण ना होना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं.
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