Bhagoria Festival: हमारा देश कई प्रकार के अनोखे रीती-रिवाजों से भरा हुआ है. बहुत सारी परंपराएं ऐसी हैं जिनके बारे में आज भी लोग नहीं जानते हैं. कई प्राचीन जनजातियां आज भी अपनी पुरानी परंपराओं में विश्वास रखती हैं. आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐसी ही अनोखी परंपरा के बारे में बताने वाले हैं. यहां पर यह परंपरा भगोरिया फेस्टिवल के अंदर मनाई जाती है. इस परंपरा के बारे में जानकर निश्चित रूप से आप भी हैरान रह जाएंगे. आइए जानते हैं इसके बारे में…
Bhagoria Festival की अनोखी परंपरा
भगोरिया फेस्टिवल के अंदर लड़का और लड़कियों की आपस में पसंद के अनुसार शादी करवाई जाती है. लेकिन यहां पर यह तरीका बहुत ही अनोखा है. जहां पर लड़का लड़कियों की लाइन में से किसी एक पसंद की लड़की पर रंग डालता है और उसके बाद लड़की भी लड़के के चेहरे पर गुलाल डालती है या फिर लड़के के हाथ से पान स्वीकार कर लेती है. अगर ऐसा होता है तो दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और दोनों शादी करना चाहते हैं. ऐसे में दोनों यह रस्म करने के बाद में कहीं भी भाग जाते हैं. जब अपने रिश्तेदार के घर या फिर लड़की लड़के के साथ उसके घर पर चली जाती है. इसके बाद में होली के मौके पर दोनों ही परिवारों की और लड़के लड़की की सहमति से उनकी शादी कर दी जाती है.
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर झाबुआ और शहडोल जिले के अंदर भगोरिया फेस्टिवल के अंदर इस तरीके के नज़ारे आपको देखने को मिल जाएंगे. भील जनजाति का यह त्यौहार आसपास के इलाकों में बहुत प्रसिद्ध है. भगोरिया के अंदर भगोरिया शब्द की उत्पत्ति भाग जाने से ही हुई है. यहां पर भागने वाले लड़के और लड़की को भगवान शिव और पार्वती का अवतार माना जाता है.
कारण भले ही कुछ भी हो लेकिन यहां पर लड़के और लड़कियों को अपने पसंद का जीवनसाथी चुनने का मौका मिल रहा है. इसी वजह से भगोरिया उत्सव में लड़के और लड़की आते हैं और अपने पसंद के साथी के साथ रंग लगाकर भाग जाते हैं.
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